February 8, 2025

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Good News: सीएम धामी ने दी खुशखबरी, जमरानी बांध परियोजना को मिली मंजूरी

Good News/ सीएम धामी ने दी खुशखबरी/ जमरानी बांध परियोजना को मिली मंजूरी: मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी खुशखबरी दी है, जिसने उत्तराखंड के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रकट किया है। इस महत्वपूर्ण घोषणा के साथ, उन्होंने बताया कि जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी ने अपनी मंजूरी दे दी है, जो उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

 

जमरानी बांध परियोजना: एक महत्वपूर्ण योजना

Good News: सीएम धामी ने दी खुशखबरी, जमरानी बांध परियोजना को मिली मंजूरी- जमरानी बांध परियोजना एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसका उद्देश्य है पेयजल एवं सिंचाई की समस्या का हल ढूंढना और विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देना। इस परियोजना का निर्माण उत्तराखण्ड के नैनीताल जनपद में काठगोदाम से 10 किलोमीटर ऊपर, गौला नदी पर हो रहा है, जिसकी ऊंचाई 150.60 मीटर है। इस परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा। इसके साथ ही, हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा और 63 मिलियन यून विद्युत उत्पादन का प्रावधान है। इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ावा दिया जा रहा है, जो प्राकृतिक संसाधनों का सवदान रखता है।

 

बांध परियोजना की महत्वपूर्ण विशेषताएँ

पेयजल समस्या का हल: जमरानी बांध परियोजना से उत्तराखण्ड में पेयजल की समस्या का हल होगा। हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा।

 

विद्युत उत्पादन: जमरानी बांध परियोजना से उत्तराखण्ड में विद्युत उत्पादन का भी प्रावधान है। इससे न केवल पेयजल की समस्या का समाधान होगा, बल्कि विद्युत उत्पादन के माध्यम से भी विकास को बढ़ावा मिलेगा।

 

क्षेत्रीय विकास: इस परियोजना से हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि के सिंचाई के लिए बेहतर सुविधाएँ मिल जाएगी, जिससे किसानों को विकसित और फसलों के लिए अधिक उपयोगी संसाधन मिलेगा।

 

जल संग्रहण: जमरानी बांध परियोजना से बड़ी मात्रा में जल संग्रहण की क्षमता बढ़ाई जा रही है, जिससे क्षेत्रीय जल संभावनाएँ सुधारेंगी।

 

विकास का स्तर: इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड के विकास को एक नई ऊँचाई पर ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड को समृद्धि और प्रगति की ओर बढ़ते हुए दिखाया है।

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहद एवं मध्यम) के अंतर्गत वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। भारत सरकार द्वारा रू0 1730.20 करोड़ की स्वीकृति पी.एम.के.एस.वी. में 90 प्रतिशत (केंद्रांश) और उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश का संयुक्त रूप से 05-05 प्रतिशत (राज्यांश) के अन्तर्गत प्रदान किया जाने प्रस्तावित है।

 

वन भूमि का हस्तांतरण

जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु वन भूमि (स्टेज-2) अंतिम स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा माह जनवरी 2023 में प्रदान कर दी गई है। इससे प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी, और परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड़ भूमि का प्रस्ताव दिनांक 18 मई 2023 को उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है। उपरोक्त प्रस्तावित भूमि को शीघ्र ही सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किये जाने के लिए भी कार्यवाही गतिमान है।

 

लखवाड़ प्रोजेक्ट: अन्य राज्यों को भी लाभ

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि लखवाड़ प्रोजेक्ट से उत्तराखण्ड के साथ ही हिमाचल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा को भी पानी का लाभ मिलेगा। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ने इसकी अंतिम मंजूरी दे चुकी है, जिससे इस परियोजना के महत्व को प्रतिष्ठित किया जा रहा है।

 

लखवाड़ परियोजना के तहत उत्तराखण्ड देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊँचा कंक्रीट का बांध बनेगा, जिसकी जल संग्रहण क्षमता 330.66 एम.सी.एम. होगी। इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए 78.83 एम.सी.एम. पानी उपलब्ध होगा। प्रोजेक्ट के तहत संग्रहित जल का बंटवारा यमुना के बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों के बीच 12 मई 1994 को किये गये समझौते के अनुरूप होगा। इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली बिजली पर सिर्फ उत्तराखण्ड का हक होगा।

 

स्वरोजगार और रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वरोजगार के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए उत्तराखण्ड में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट के माध्यम से उत्तराखण्ड को विदेशी और देशी निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट निवेश गतिमान का मंच मिल रहा है। इस समिट के दौरान अब तक 65 हजार करोड़ के एमओयू साइन किए जा चुके हैं, और यह समिट उत्तराखण्ड के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

 

लंदन, बर्मिंघम, दुबई, अबु धाबी में इंटरनेशनल रोड शो किए गए हैं, जो निवेशकों को उत्तराखण्ड के विकास में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके अलावा, दिल्ली, चेन्नई रोड शो भी आयोजित किए जा चुके हैं।

 

समापन

इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विकास, औद्योगिकीकरण, और कृषि सिंचाई क्षेत्र में सुधार करने का संकल्प लिया है। इस परियोजना के माध्यम से पानी की सबसे मूल्यवान संसाधन का संरक्षण किया जा रहा है, और उत्तराखण्ड की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से उत्तराखण्ड के विकास की गति तेजी से बढ़ रही है और कृषि, पानी, और ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर पैदा हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह परियोजना न केवल उत्तराखण्ड के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

इस समर्पण और निरंतर कठिनाइयों के बावजूद, उत्तराखण्ड सरकार ने इस परियोजना को सफलता से पूरा किया है और अपनी जनता के लिए एक सशक्त और समृद्धि पूर्ण भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया है।

 

यह परियोजना न केवल ऊपरी ल ोगों के लिए है बल्कि नीचे से ऊपरी सीमा तक जनता के लिए भी लाभकारी है। यह प्रयास उत्तराखण्ड के पेयजल संसाधन को सुरक्षित रूप से संरक्षित रखने के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी एक नया द्वार खोल रहा है।

 

इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड के जनजातियों, किसानों, और गरीब लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, और इससे पूरे क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

 

उत्तराखण्ड की सशक्ति और समृद्धि

इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड की सरकार ने दिखाया है कि वह अपने विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है और अपने लोगों के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाती है। यह परियोजना उत्तराखण्ड के लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में नए विकास के द्वार खोल रही है।

 

निष्ठा और समर्पण का परिणाम

इस परियोजना के पीछे की निष्ठा और समर्पण का परिणाम है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना को सफलता से पूरा किया है और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।इस परियोजना के माध्यम से पानी की सबसे मूल्यवान संसाधन का संरक्षण किया जा रहा है, और उत्तराखण्ड की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड के विकास की गति तेजी से बढ़ रही है और कृषि, पानी, और ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर पैदा हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह परियोजना न केवल उत्तराखण्ड के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समर्पण और निरंतर कठिनाइयों के बावजूद, उत्तराखण्ड सरकार ने इस परियोजना को सफलता से पूरा किया है और अपनी जनता के लिए एक सशक्त और समृद्धि पूर्ण भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस परियोजना के माध्यम से यह साबित होता है कि उत्तराखंड की सरकार अपने लोगों के विकास और प्रगति के प्रति निष्ठापूर्ण है। यह परियोजना न केवल ऊपरी स्तर पर बल्कि नीचे से ऊपरी सीमा तक उत्तराखंड की जनता के लिए लाभकारी है।

 

यह प्रयास उत्तराखंड के पेयजल संसाधन को सुरक्षित रूप से संरक्षित रखने के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी एक नया द्वार खोल रहा है। इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड के जनजातियों, किसानों, और गरीब लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, और इससे पूरे क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।