February 8, 2025

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Uttarkashi: स्कूल में कक्षा की छत से टूटकर गिरा प्लास्टर, जान बचाकर भागे पढ़ाई कर रहे छात्र

उत्तरकाशी के नौगांव विकासखंड के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रस्टाड़ी में बारिश के कारण एक कक्ष की छत से प्लास्टर टूटकर छात्रों पर गिर गया। हादसे से मौके पर चीख पुकार मच गई, हालांकि किसी छात्र या शिक्षक को चोट नहीं आई है। लेकिन घटना के बाद से छात्रों में दहशत का माहौल है। खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को पंचायत भवन में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि राज्य के 60 फीसदी सरकारी स्कूल ऐसे ही जर्जर हालात में है जो हादसों को न्यौता दे रहे है.

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में 1,437 प्राथमिक, 303 जूनियर हाईस्कूल और 1,045 माध्यमिक विद्यालय भवन आज भी जर्जर हैं। इसमें बागेश्वर जिले में 94, चमोली में 204, चंपावत में 123, देहरादून में 206, हरिद्वार में 170, नैनीताल में 160, पिथौरागढ़ में 193, रुद्रप्रयाग में 128, टिहरी गढ़वाल में 352, ऊधम सिंह नगर में 175 और उत्तरकाशी जिले में 185 स्कूल भवन जर्जर हाल हैं।

बता दें कि प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी लगातार विभागों की समीक्षा कर रहे है इस बीच शिक्षा विभाग की भी समीक्षा की गई इस दौरान शिक्षा विभाग ने एक रिर्पोट पेश की जिसमे बताया गया कि राज्य के 60 फीसदी सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत बिल्कुल ठीक नहीं है. जिसके बाद सीएम ने स्कूल में सुरक्षा कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए है.

लेकिन प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है और लागातार बारिश हो रही है ऐसे में जहां जर्जर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना खतरे से खाली नहीं है. तो वहीं इस दौरान स्कूल के जर्जर भवनों की मरमत करना भी मुश्किल है अगर शिक्षा विभाग मानसून से पहले ये रिर्पोट पेश कर देता तो शायद स्कूलों की हालत मानसून तक सुधार दी जा सकती थी लेकिन अब ये जर्जर होते स्कूलों के भवन हादसों को न्यौता दे रहै है. और शिक्षा विभाग पर कई सवालिया निशाना भी साध रहे है।

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