Uttarakhand News: सरकार गिराने के बयान को सांसद त्रिवेंद्र ने बताया गंभीर, विधानसभा अध्यक्ष से की जांच की मांग| निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के सरकार गिराने के बयान के बाद इसपर राजनीति गरमा गई। पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है। सांसद त्रिवेंद्र सिंह ने विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में सभी विधायकों ने चुप्पी क्यों साध ली। इसे लेकर जनता सवाल पूछ रही है। त्रिवेंद्र की माने तो विधानसभा अध्यक्ष को भी इस बयान की जांच करनी चाहिए। पूर्व मुंख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने इसको लेकर इंटेलिजेस पर भी सवाल खड़े किए। त्रिवेंद्र की माने तो खुफियातंत्र क्या कर रहा है, उन्होंने सरकार के संज्ञान में यह मामला लाया है या नहीं, इसका पटाक्षेप होना चाहिए। अच्छा होता कि विधानसभा अध्यक्ष इस बारे में विधायक से साक्ष्य मांगती। इससे प्रदेश के 70 विधायकों की साख पर सवाल उठता है। इस पर सरकार को भी जवाब देना चाहिए।
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पूर्व सीएम निशंक ने विधायक उमेश कुमार पर दागे सवाल
दरसल हरिद्वार जिले के खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सदन में गुप्ता बंधुओं पर सराकर गिराने की साजिश का आरोप लगाया था. इसके बाद से इस पर राजनीति गर्माने लगी है। पहले हरिद्वार के पूर्व सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सरकार गिराने के षडयंत्र पर बयान देने वाले विधायक पर ही सवाल दागे थे। उन्होंने कहा कि विधायक को विधानसभा में दिए गए बयान को तथ्यों के साथ साबित करना चाहिए। तो वहीं अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने भी निशंक के बयान का समर्थन किया को और जांच की मांग की.
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निशंक के बयान पर हरदा ने ली चुटकी
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने निशंक के बयान पर चुटकी ली और फेसबुक पर लिखा-
वाह निशंक जी , सरकार गिराने की कथानक पर आपका बयान देखा| बहुत बहादुरी दिखाई| आपने स्पष्ट कहा, सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए| यह सरकार गिराने की आग जहां जल रही है, हम तो केवल धुएं को देखकर अंदाजा लगा रहे है, लेकिन लगता है कि आप आग के नजदीक तक पहुंच गए है|
उधर इस मामले पर गरमाती सियासत के बीच विधानसभा अध्यक्ष का बयान भी आया है. अध्यक्ष की माने तो-
विधानसभा अध्यक्ष का पद तटस्थ होता है| सदन में किसी सदस्य की ओर से कोई बात कही जाती है और उस बात को पक्ष- विपक्ष उठाता है तो विस अध्यक्ष संज्ञान लेता है, लेकिन स्पीकर सदन में सदस्य की ओर से अपशब्द कहने या उस सदस्य को जिक्र करने पर जो सदन में मौजूद नहीं है, के बारे में स्वत: संज्ञान लेता है सदस्य की बात पर पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं कहता तो पीठ से विनिश्चय देना नियम विरुध्द होता है|
विधायक उमेश कुमार के सरकार गिराने की साजिश के बयान से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. ऐसे में अब जांच की मांग की जा रही साथ ही विधायक पर भी सवाल उठ रहे है. जिससे की विधायक से आरोपो को सिध्द करने और तथ्यों को सामने रखने की बात की जा रही है.
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