February 8, 2025

LIVE SAMIKSHA

KHABAR KA ASAR

Uttarakhand News: यूजेवीएन ने आठ साल में दोगुना करेगा बिजली उत्पादन, कार्ययोजना तैयार

Uttarakhand News: यूजेवीएन ने आठ साल में दोगुना करेगा बिजली उत्पादन, कार्ययोजना तैयार|उत्तराखंड को ‘उर्जा प्रदेश’ बनाने के लिए यूजेवीएन लगातार प्रयास कर रहा है. जिसके लिए सरकारी उपक्रम यूजेवीएन लिमिटेड ने आठ साल की एक कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत उसने इस अवधि में बिजली उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

 

यह भी पढ़े- Uttarakhand News: दून से कर्णप्रयाग के बीच वाहनों की स्पीड तय, लगाए जाएंगे 200 बोर्ड

 

बिजली उत्पादन को 3000 मेगावाट से अधिक पहुंचाने का लक्ष्य

यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तैयार इस कार्ययोजना के तहत अगले आठ वर्षों 2031-32 तक यूजेवीएन का लक्ष्य बिजली उत्पादन को 3000 मेगावाट से अधिक पहुंचाने का है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में यूजेवीएन कुल 1440 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है ।

 

साढ़े चार वर्ष में 148.5 मेगावाट क्षमता की पांच परियोजनाएं पूरी

सिंघल ने बताया कि बिजली उत्पादन से होने वाले वर्तमान राजस्व को 964 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2031-32 तक तीन गुना यानी 3000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि यूजेवीएन ने पिछले साढ़े चार वर्ष में 148.5 मेगावाट क्षमता की पांच परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनमें देहरादून में 120 मेगावाट व्यासी जलविद्युत परियोजना, पिथौरागढ़ में पांच मेगावाट सुरिनगाढ़ जल विद्युत परियोजना, रुद्रप्रयाग में चार मेगावाट कालगंगा प्रथम और 4.5 मेगावाट कालीगंगा द्वितीय तथा 15 मेगावाट मध्यमहेश्वर जलविद्युत परियोजना शामिल हैं।

 

नहरों में हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन के विकास पर कार्य जारी

 

उन्होंने बताया कि बिजली उत्पादन में नवाचार के तहत आईआईटी रूड़की के सहयोग से मौजूदा नहरों में हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन के विकास पर कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार में एक मेगावाट क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र लगाने की भी योजना है।सिंघल ने बताया कि तापीय उर्जा का दोहन करने के लिए जल्द ही आइसलैंड के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर दस्तखत किए जाएंगे।

 

 

भैरों घाटी जलविद्युत परियोजना पर 25 करोड़ रुपये खर्च

 

उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय कारणों से बंद हुईं भैरों घाटी और पाला मनेरी जलविद्युत परियोजनाओं पर यूजेवीएन के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।सिंघल ने बताया कि परियाजनाओं के बंद होने तक भैरों घाटी जलविद्युत परियोजना पर 25 करोड़ रुपये तथा पाला मनेरी जलविद्युत परियोजना पर 125 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे।