February 8, 2025

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Lok Sabha Election 2024: उम्रदराज और युवा प्रत्याशी के बीच इस सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला

Lok Sabha Election 2024: उम्रदराज और युवा प्रत्याशी के बीच इस सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला| देशभर में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है ऐसे में उत्तराखंड में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही सियासी दल अपनी अपनी जीत का दावा करते दिख रहे हैं. लेकिन पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में चुनावी नाव पार लगाने के लिए भाजपा और कांग्रेस के लिए आधी आबादी का पूरा साथ चाहिए होगा। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पर्वतीय जिलों में महिलाएं ही निर्णायक साबित हुईं थीं। तब उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा व चंपावत में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया। खास बात यह है कि आठ जिलों में पुरुष मतदाता ज्यादा होने के बावजूद यह स्थिति देखने को मिली।

उत्तराखंड को बनाने से लेकर उत्तराखंड को आगे बढ़ाने में यहां की महिलाओं ने अहम योगदान दिया है. इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यहां की महिलाओं वक्त वक्त पर चुनौतियों का सामना किया है.

उत्तराखंड की महिलाओं का इतिहास संघर्ष से भरा हुआ है। इन महिलाओं ने अपने साहस और हौंसले से अनेक मुश्किलों का सामना किया है और समाज में अपनी पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका संघर्ष चिपको आंदोलन से लेकर अन्य आंदोलनों तक व्यापक रहा है।

चमोली की गौरा देवी ने चिपको आंदोलन की नींव रखी थी, जिसमें पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं ने पेड़ों की रक्षा के लिए अपना समर्थन दिया था। इसके बाद, शराबबंदी समेत अन्य जन आंदोलनों के दौरान भी मातृशक्ति ने अपनी भूमिका निभाई और समाज में अपने प्रभाव को दिखाया।

 

महिला वोटरों में पैठ बनाना सबसे जरूरी

वहीं उत्तराखंड में हर चुनाव के दौरान महिलाओं की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग जिले में पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों की संख्या 2040 ज्यादा थी, जो सामाजिक रूप से महिलाओं की सक्रियता और उनके संघर्ष को दर्शाता है। इससे स्पष्ट होता है कि महिलाएं अब राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण मतदाता ब्लॉक बन चुकी हैं. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव के दौरान भी राजनैतिक दल इन्हें अपने पाले में करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। 2022 के विस चुनाव में रुद्रप्रयाग में पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों की संख्या 2040 ज्यादा थी। लेकिन मतदान वाले दिन बड़ा बदलाव देखने को मिला। मत प्रयोग करने में पुरुषों की अपेक्षा मातृशक्ति की संख्या 14,594 अधिक थी। इसलिए, लोकसभा चुनाव में भी महिला वोटरों में पैठ बनाना सबसे जरूरी होगा।

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अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भी महिलाओं का मत प्रतिशत इन जगहों पर ज्यादा रह सकता है। इन नौ जिलों में तीन लोकसभा सीटें हैं – टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा। प्रदेश में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल मतदान 65.37 प्रतिशत हुआ था। इसमें पुरुषों का प्रतिशत 62.60 और महिलाओं का 67.20 रहा था। इससे स्पष्ट होता है कि महिलाओं ने पिछले चुनावों में अपना बड़ा योगदान दिया है और उनका मतदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण साबित हुआ है।