Ayodhya Ram:भगवान राम के जन्म पर राजा दशरथ से क्या बोले किन्नर| अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या के साथ साथ पूरे देश भर में भारी उत्साह देखा जा रहा है चारों तरफ राम नाम की धूम है क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या महिलाए सभी जश्न मना रहे हैं. इस बीच किन्नर समाज भी राम भक्ति में डूब चुका है. और डूबे भी क्यों ना आखिर इनका भगवान राम से पुराना नाता जो है. अक्सर देखा जाता है कि किसी शुभ कार्य मे किन्नर आर्शीवाद देने पहुंचते है. और लोग इनका आर्शीवाद पाकर खुश हो जाते है. क्योंकि इनका आर्शीवाद शुभ माना जाता है. लेकिन इनको ये वरदान किसने दिया कि इनके आर्सीवाद में इतनी शक्ति होगी कि लोग इनका आर्शीवाद पाने के लिए उत्सुक रहेगें. ये आज हम आपको इस खास रिर्पोट में बताएगें, और साथ ही आपको ये भी बताएंगें की भगवान राम के जन्म पर राजा दशरथ से किन्नरो ने क्या कहा था.
भगवान राम के समय में भी इस पृथ्वी पर मौजूद थे किन्नर
किन्नरों को लेकर अक्सर हमारे समाज में एक जिज्ञासा बनी रहती है। शादी-ब्याह आदि शुभ कार्यों के अवसर पर घरों में नेग मांगने आने वाले किन्नरों को लेकर अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ये कहां रहते हैं? इनके देवी-देवता कौन होते हैं? आखिर लोगों को आशीर्वाद देने की शक्ति उन्हें कहां से मिली और किसने दी? ऐसे कई सवाल हैं जो अक्सर हमारे मन में उठते हैं। इन सभी सवालों के जवाब जानने से पहले आइए जानते हैं कि क्या त्रेतायुग में भगवान राम के समय में भी इस पृथ्वी पर किन्नर मौजूद थे?
किन्नरों की बातें सुनकर भावुक हुए श्री राम
मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जब 14 वर्ष का वनवास काटने के लिए अयोध्या छोड़ने लगे, तब उनकी प्रजा और किन्नर समुदाय भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे थे। तब श्रीराम ने उन्हें वापस अयोध्या लौटने को कहा। लंका विजय के पश्चात जब श्रीराम 14 साल का वनवास काट कर वापस अयोध्या लौटे तो उन्होंने देखा बाकी लोग तो चले गए थे, लेकिन किन्नर वहीं पर उनका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने किन्नरों से पूछा कि आप लोग अयोध्या के बाहर क्यों रह रहे हैं, तब किन्नरों ने भावपूर्ण होकर जवाब दिया कि जब आप वनवास के लिए जा रहे थे और आपने नर, नारी बच्चे व बूढों को अयोध्या लौटने का आग्रह किया तो वह सब लौट गए, लेकिन हम न तो नारी हैं और ना ही नर, हमारे लिए स्पष्ट नहीं था कि हम क्या करें, इसलिए हम यहीं रूक गए और आपके लौटने की प्रतीक्षा करने लगे।
किन्नरों की ये बातें सुनकर श्री राम भावुक हो उठे, और उन्होंने किन्नरों को आशीर्वाद दिया कि आज के बाद आप किसी को भी आशीर्वाद देंगे तो वह फलित होगा।
इसलिए ये कहा जाता है कि मंगल कार्यों में किन्नरों का आना और उनका आशीर्वाद मिलना बहुत ही भाग्यपूर्ण होता है, मान्यता ये भी है कि अगर कोई किन्नर अपनी मर्जीं से आपको सिक्का दे तो ले लेना चाहिए उससे घर में बरकत होती है और आर्थिक कमी नहीं आती.
किन्नरों ने राम भंजन को गाया और जमकर झूमे
और आज जब 500 बर्षो के इंतजार के बाद प्रभु राम अपने घर पधार रहे हैं. तो किन्नर समाज की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं है. हर कोई खुशी में डूबा हुआ है ऐसा ही एक नजरा हल्द्वानी में देखने को मिला जब किन्नर समाज के लोग राम भंजन में झूमते नजर आए राम भंजन गाकर किन्नर समाज खुशी मना रहा है और एक दूसरे को बधाई दे रहा है हल्द्वानी स्थित किन्नर समाज की गुरु कशिश मौसी के आवास पर किन्नरों ने राम भंजन को गाया और जमकर झूमे..
किन्नर समाज का रामलला से है पुराना रिश्ता
वही किन्नर समाज का कहना है कि रामलला से उनका पुराना रिस्ता है उन्होंने बताया कि जब अयोध्या में रामलला का जन्म हुआ था तक भी उनके समाज के लोगो ने अयोध्या में बधाई गाई थी और राजा दशरथ को रामलला के जन्म की बधाई दी थी. ऐसा ही मौका फिर से अयोध्या और पूरे देश के लिए बन रहा है जब रामलला अपने भव्य मंदिंर में विराजमान होगें. इस अवसर पर 22 जनवरी को किन्नर समाज द्वारा गरीबों में कपड़े और भोजन का वितरण किया जायेगा.
किन्नर समाज की अपील
22 जनवरी की तारीख एक दूसरी दिवाली की तरह हमेशा याद रहने वाली तारिख बनने वाली है. क्यों एक लंबी लड़ाई के बाद 500 वर्षो का लंबा इंतजार खत्म होने जा रहा. ऐसे में भगवान राम का आर्शीवाद पाने वाले किन्नर समाज ने अपील की है कि इस दिन को सभी दीवाली की तरह मनाएं जो आज तक कभी ना मनी हो.
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