Big News: मणिपुर में शहीद हुआ उत्तराखंड का लाल, सीएम धामी ने जताया शोक| जवान कमल सिंह भाकुनी की बलिदानी गाथा उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास में एक और सदस्य के रूप में सम्मिलित हो गई है। उनका सर्वोच्च पराक्रम और देशभक्ति ने हर भारतीय के दिल में एक अटल स्थान बना लिया है।
कमल सिंह भाकुनी, जो कि अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के निवासी थे, ने अपने देश के लिए सेवा का संकल्प किया और अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पर्व इसी सेवा में समर्पित किया। उनकी मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को अपूर्णता की अनुभूति कराई है, बल्कि उनके गांव में भी एक गहरी शोक की लहर उत्पन्न की है। इस अपूर्णता की भावना के बावजूद, भाकुनी परिवार ने देशवासियों को एक महान उपलब्धि के लिए गर्वित होने का कारण बनाया है।
आज घर पहुंचेगा पार्थिव शरीर
मां भारती की सेवा करते हुए उत्तराखंड के और सपूत ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उत्तराखंड में अपने घर से 25 दिन पहले ही वापस ड्यूटी पर गए अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर निवासी जवान कमल, मणिपुर में शहीद हो गए हैं।
16 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान, कमल सिंह भाकुनी, अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के निवासी हैं। कमल वर्तमान में मणिपुर में तैनात थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जवान के सिर पर गोली लगने से मृत्यु हई है। आज शहीद कमल सिंह भाकुनी का पार्थिक शरीर उनके घर चनौदा-बूंगा, सोमेश्वर पहुंचेगा। 24 साल के बेटे की शहादत के बाद परिवार ने सुधबुध खो दी है, गांव में कोहराम मचा है।
उत्तराखंड के लाल की शहादत पर सीएम ने जताया शोक
सोमेश्वर तहसील के चनौदा, बूंगा निवासी सैनिक कमल सिंह भाकुनी (24) 16 कुमाऊं रेजीमेंट मणिपुर में तैनात थे। मणिपुर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए जवान कमल शहीद हो गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जवान की शहादत पर शोक व्यक्त किया है। सीएम ने मां भारती के लाल को शत-शत नमन किया है।
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25 दिन पहले ही लौटे थे ड्यूटी पर
अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के चनौदा-बूंगा में आज ग़मगीन माहौल है। इस क्षेत्र ने अपना होनहार बेटा खोया है। कमल सिंह भाकुनी ने 24 साल की उम्र में भारतीय सेना में अपनी ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनका बड़े भाई प्रदीप भाकुनी भी भारतीय सेना में सेवायें दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि कमल को संदिग्ध हालात में गोली लगी है। कमल भाकुनी 16 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान थे और आजकल मणिपुर में तैनात थे। बताया जा रहा है कि 25 दिन पहले ही वह अवकाश के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। बेटे की शहादत की खबर सुन माता-पिता के रो-रो कर बुरे हाल हैं।
21 साल की उम्र में हुए थे भर्ती
कमल सिंह भाकुनी चार साल पहले 21 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। बताया जा रहा है कि शहीद कमल के पिता चंदन सिंह भाकुनी गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं, जबकि माता दीपा भाकुनी गृहणी हैं। उनका बड़ा भाई प्रदीप भाकुनी भी भारतीय सेना में है। शहीद का पार्थिव शरीर आज सोमेश्वर लाया जायेगा। गोली कैसे लगी, इसकी स्पष्ट जानकारी किसी को नहीं है। जवान के शहीद होने की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर है।
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