February 7, 2025

LIVE SAMIKSHA

KHABAR KA ASAR

Karva Chauth: करवा चौथ का इतिहास और चांद निकलने का समय

Karva Chauth| करवा चौथ का इतिहास और चांद निकलने का समय: वैसे तो हमारे देश में कई तीज त्यौहार मनाए जाते है जिनका अपना एक अलग महत्व होता है लेकिन भारत देश में सालभर में एक ऐसा व्रत आता है जो पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है. जिसे करवा चौथ के नाम से जाना जाता है. करवा चौथ का शुभ त्योहार इस साल 2023 में 1 नवंबर को है। नॉर्थ इंडिया में इसे करक चतुर्थी या करवा चौथ के नाम से जाना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस त्योहार के दौरान चंद्रमा निकलने तक निर्जला व्रत रखती है। महिलाएं मिट्टी के बर्तन जिसे करवा कहते हैं, उससे चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाती हैं या पानी पीती हैं।

सभी विवाहित स्त्रियां साल भर इस त्योहार का इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा भाव से पूरा करती हैं। करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है।

 

करवा चौथ पूजा का मुहूर्त

Karva Chauth: करवा चौथ का इतिहास और चांद निकलने का समय दरसल ट्रिक पंचांग के अनुसार करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5:36 बजे से शाम 6:54 बजे तक है। चंद्रोदय का समय रात 8:15 बजे है। इस बीच चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9:30 बजे शुरू होगी और 1 नवंबर को रात 9:19 बजे समाप्त होगी।

व्रत के पीछे की कथा

पौराणिक काल से यह मान्‍यता चली आ रही है कि पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्‍यवान को लेने जब यमराज धरती पर आए तो सत्‍यवान की पत्‍नी ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की। उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दें। लेकिन  यमराज ने उसकी बात नहीं मानी। इस पर सावित्री अन्‍न जल त्‍यागकर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी। पति के प्रति सावित्री के प्रेम और भक्ती को देखकर यमराज ने उससे वर मांगने को कहा। जिसमे सावित्री ने अपने पति के जीवन को मांगा. तभी से कहा जाता है कि पत्नी चाहे तो अपने पति के प्राण यामराज से छीनकर ला सकती है. वहीं मान्यता है की तभी से धरती पर करव चौथ का व्रत मनाया जाता है.

लेकिन आजकल देखा जाता है कि असल जीवन से ज्यादा लोग सोशल मिडिया पर ज्यादा समय बीताने लगे है. और इसका असर करवा चौथ के दिन भी देखा जाता है. ज्यादातर महिलाएं इस दिन सोशल मिडिया पर अपना समय देती है और अपनी शॉपिंग, अपने लुक तरहा तरहा की बाते करती नजर आती है लेकिन बहुत ही कम महिलाएं होती है जो इस दिन खुलकर अपने पति-पत्नि के रिश्ते के बारे में बात करती है. या फिर अपने पवित्र रिश्ते को कायम रखने की बात करते है. क्योंकि इस पवित्र रिश्ते पर लोग ज्यादा ध्यान ना देकर दिखावे की दुनिया को ज्याद बढ़ावा देते नजर आते है शायद इसलिए आज के युग में भारत में भी शादियां कम और तलाक ज्यादा हो रहे है. इसलिए इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि पति पत्नि के रिश्ते को दिखावे की नहीं बल्कि दिल से अपनेपन की जरूरत होती है.

यह भी पढ़े: Dehradun News: कंपनी में सीनियर ने महिला कर्मी पर की अश्लील टिप्पणी, मुकदमा दर्ज