Kedarnath Dhaam: गर्भ गृह से बाहर लाई गई बाबा केदार की डोली, धाम के लिए किया प्रस्थान| आज, सोमवार के पवित्र दिन, भगवान केदारनाथ की धार्मिक महत्वपूर्ण यात्रा का उत्सव मनाया गया। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका महत्व सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है। सोमवार के प्रारंभिक पल मंदिर के गर्भगृह में पूजा और अर्चना के साथ हुई। फिर, भगवान की चल उत्सव विग्रह डोली, जिसे प्रतिध्वनि और पवित्र भावनाओं से भरा गया था, निकटवर्ती सभा मंडप में लाया गया। यहाँ, भक्तों ने भगवान के उत्सवी रूप का ध्यान आकर्षित किया।
हक हकूकधारियों ने किया डोली का श्रृंगार
भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली ने आज सोमवार को अपने हिमालय स्थित केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। सोमवार सुबह पूजा अर्चना के बाद डोली को मंदिर के गर्भ गृह से बाहर सभा मंडप में विराजमान लाया। जिसमें हक हकूकधारियों की ओर से भगवान की चल उत्सवह विग्रह डोली का श्रृंगार किया गया। इसके बाद मंदिर की तीन परिक्रमा कर डोली अपने अगले गंतव्य की ओर प्रस्थान किया। सोमवार को डोली गुप्तकाशी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में रात्रित विश्राम करेगी। इसके बार छह मई को फाटा, सात को गुप्तकाशी और नौ मई को डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी। जबकि 10 मई को भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनाथ के लिए खोले जाएंगे।
भैंरवनाथ की पूजा अर्चना के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू
वहीं इससे पहले रविवार को ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए केदारनाथ के अग्रणी क्षेत्रपाल के रुप में पूजे जाने वाले भगवान भैंरवनाथ की पूजा अर्चना की गई। ऊखीमठ में देर सांय तक चली पूजा अर्चना में भैंरवनाथ की अष्टादश आरती उतारी गई। भैंरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना के साथ ही केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पूरी पकोड़ी की माला से भैंरवनाथ का श्रृंगार
पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्व मंदिर ऊखीमठ से भगवान केदारनाथ की डोली के धाम के लिए प्रस्थान करने पूर्व संध्या पर ओंकारेश्वर मंदिर स्थित भैंरवनाथ मंदिर में भैंरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना संपन्न हुई। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग जी महाराज की मौजूदगी में धाम के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी शिवं शंकर लिंग ने भगवान भैंरवनाथ का अभिषेख किया। साथ ही पंचामृत अभिषेक, रुद्राभिषेक के साथ पूरी पकोड़ी की माला से भैंरवनाथ का श्रृंगार किया गया।
बाल भोग के बाद भगवान भैंरवनाथ को महाभोग लगाया गया। रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में पुजारी शिवशंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग, शिवलिंग ने अष्टादश आरती उतारी, जबकि मंदिर के वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।
आठ कुंतल फूलों से सजाया गया ओंकारेश्वर मंदिर
रावल भीमाशंकर लिंग ने धाम के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग को भैंरवनाथ के समक्ष धाम के लिए आगामी छह माह के पूजा का संकल्प दिलाते हुए आशीर्वाद दिया। जिसके बाद मौजूद सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान ओंकारेश्वर मंदिर को आठ कुंतल फूलों से सजाया गया था।
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