Lok Sabha Election 2024: हरिश रावत का बड़ा बयान, कांग्रेस को बताया सुस्त और आलसी| कांग्रेस पार्टी की वर्तमान स्थिति और भविष्य की चिंता को लेकर विवाद चित्त व्याप्त है। वह एक समय के लिए भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली दल थी, लेकिन वर्तमान में यह दल अपनी भूमिका को लेकर उलझा हुआ नजर आ रहा है. न केवल चुनावी प्रचार में, बल्कि संगठनात्मक और नीतिगत स्तर पर भी कांग्रेस पार्टी अपनी मजबूती को लेकर सवालों के सामने है।
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एक के बाद एक हार का सामना करने वाली कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भी खास एक्टिव नजर नहीं आ रही है. हालांकि कांग्रेस की सुस्ती को लेकर अब तक दूसरे दल निशाना साधते रहे हैं लेकिन अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद कांग्रेस को सुस्त पार्टी करार दे रहे हैं.
अपने ही दिग्गज नेताओं के निशाने पर कांग्रेस पार्टी
लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता रहा है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अपनी हार और गलितयों को लेकर पार्टी मंथन करने से भी बचती रही है. इसी का नतीजा है कि दूसरे दल तो कांग्रेस पर निशाना साधते ही अब पार्टी अपने ही दिग्गज नेताओं के निशाने पर आ गई है. सूबे से लेकर केंद्र की सियासत में महारथ हासिल करने वाले हरीश रावत ने अब अपनी ही पार्टी पर बरसते हुए सुस्त और आलसी पार्टी करार दिया है. अब हरदा के इस बयान ने पूरी कांग्रेस पार्टी को ही असगज कर दिया है वो भी इस समय पर सिर पर लोकसभा चुनाव है और कांग्रेस अपनी खोई सियासी जमी को कहीं हद तक बचाने की जुगत में लगी है.
हरीश रावत के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा असहज नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि हरीश रावत ने ये बयान किस संदर्भ में दिया है ये मेरी जानकारी में नही है इसीलिए बेहतर है उन्हीं से सवाल किया जाए.
परिणाम भांप चुके हरिश रावत- धामी
हरीश रावत द्वारा कांग्रेस को सुस्त बताने वाले बयान से जहां पार्टी को जवाब देते नहीं बन रहा तो वहीं हरदा के इस बयान ने सत्ता पक्ष को निशाना साधने का मौका दे दिया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीधे पर कह रहे हैं परिणाम क्या होगा इसे हीश रावत भांप चुके हैं. इसमें कोई दोराय नहीं की उत्तराखंड से लेकर केंद्र की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले हरीश रावत को सियासत में महारथ हासिल है. लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव के समर में उन्होंने अपनी ही पार्टी को सुस्त करार दिया है ये भी उनका अनुभव बता रहा है. लेकिन देखना होगा कि हरदा के इस बयान का कितना असर पार्टी पर पड़ता है और कांग्रेस कितनी एक्टिव होती है.
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