आज से देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है।देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे तीन मुख्य आपराधिक कानूनों बदल दिए हए हैं और उनकी जगह अब तीन नए कानून लागू हो गए हैं। अब IPC की जगह BNS धाराएं लागू की गई हैं,जिनमें सजा से लेकर जुर्माना तक बदला गया है,ऐसे में ये नए नियमों को जानना बेहद जरुरी हो जाता है तो आइये विस्तार से इन कानूनों के बारे में जानते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कौन से कानून लागू हुए हैं।
IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS)
इंडियन एविडेंट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (BSS)
(CRPC) की जगह और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, (BNSS) 2023
बता दें कि 12 दिसंबर, 2023 को इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा से ये पारित हुए। 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी दी। वहीं 24 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि तीन नए आपराधिक कानून इस साल 1 जुलाई से लागू होंगे। और 1 जुलाई से ये कानून लागू हो गए हैं।…
इन नए कानूनों को तकनीक से जोड़ा गया है जिसके कई फायदें होगें
आम लोगों को छोटी से छोटी शिकायत दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगाने या पुलिस को रिश्वत दोने की दिक्त हो जाएगी खत्म।
हत्या, लूट, दुष्कर्म की भी ऑनलाइन एफआईआर दर्जड हो जाएगी।
एक जिले में हुए अपराध की जीरो एफआईआर दूसरे जिले में कराई जा सकेगी।
थाना क्षेत्र का हवाला देकर पुलिस लोगों को नहीं टालेगी।
केज दर्ज कराने के बाद जांच से लेकर आगे की कार्रवाई तक की सूचना मोबाइल पर एसएमएस के जरिए फरियादी को दी जाएगी।
इसी के साथ नए कानून में एक अहम मुद्दा आतंकवाद का भी है। इसके तहत जो भी भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते है तो उसे आतंकवाद की कैटेगरी में रखा जाएगा। आइये समझते हैं क्या क्या आतंकवाद की श्रेणी में आएगा।
देश के बाहर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आतंकवादी कृत्य माना जाएगा।
नकली नोट या सिक्कों को चलाना या उनकी तस्करी करना आतंकवाद की कैटेगरी में आएगा।
बम विस्फोट को आतंकवाद माना जाएगा।
यदि किसी की संपत्ति को आतंकी गतिविधियों के जरिए हासिल किया गया है, और वह इसके बावजूद उस पर अपना कब्जा रखता है तो वह भी आतंकी घटना मानी जाएगी।
भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी विदेशी सरकार को प्रभावित करने के लिए किसी व्यक्ति का अपहरण करना या उसे हिरासत में रखना आतंकवाद माना जाएगा।
बता दें कि नए कानून संहिता के तहत धाराओं की संख्या 511 से घटकर 358 की गई है। इसके तहत 20 नए अपराध जोड़े गए हैं। कई अपराधों में न्यूनतन सजा का प्रावधान है। साथ ही छोटे छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। वहीं कई अपराधों के लिए जुर्माना भी बढ़ाया गया है और सजा की अवधि में भी इजाफा किया गया है।
एक चार्ट के जरिए समझते है किन अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है और सजा की अवधि में इजाफा किया गया है
हत्या— पहले IPC धारा 302, अब धारा BNS 103
हत्या का प्रयास— पहले IPC धारा 307, अब धारा BNS 109
गैर इरादतन हत्या– पहले IPC धारा 304, अब धारा BNS 105
दहेज– हत्या पहले IPC धारा 304 बी, अब धारा BNS 80
चोरी— पहले IPC धारा 379, अब धारा BNS 303
दुष्कर्म— पहले IPC धारा 376, अब धारा BNS 64
छेड़छाड़- पहले IPC धारा 354 , अब धारा BNS 74
धोखाधड़ी—पहले IPC धारा 420, अब धारा BNS 318
लापरवाही से मौत- पहले IPC धारा 304 ए, अब धारा BNS 106
देश के खिलाफ युद्ध- पहले IPC धारा 121, 121 ए, अब धारा BNS 147, 148
मानहानि– पहले IPC धारा 499,500 अब धारा BNS 356
लूट— पहले IPC धारा 392, अब धारा BNS 309
डकैती— पहले IPC धारा 395, अब धारा BNS 310
पति द्वारा क्रूरता की शिकार महिलाएं– पहले IPC धारा 498ए, अब धारा BNS 85
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