समय पर इलाज मिल जाने से एक नवजात की जान बच सकती थी, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद सड़कों ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। सीएचसी साहिया से एक दिन के नवजात को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था।
परिवार के सदस्य बच्चे को लेकर विकासनगर की तरफ जा रहे थे, लेकिन कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड के पास मलबा गिरने से उनका वाहन फंस गया। परिजन दो घंटे तक सड़क खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन इस बीच नवजात की मौत हो गई।
एक दिन के बच्चे को खोने के बाद परिवार गहरे सदमे में है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृत नवजात के पिता अंकित ने अस्पताल में हंगामा भी किया।
जानकारी के मुताबिक, चकराता ब्लॉक के रिखाड़ गांव के रहने वाले अंकित की पत्नी आशा देवी ने शुक्रवार सुबह सीएचसी साहिया में बच्चे को जन्म दिया था। रात को बच्चे को अचानक बुखार आने पर अंकित ने नर्स को इसकी जानकारी दी। नर्स ने उन्हें हायर सेंटर में दिखाने की सलाह दी। शनिवार सुबह 7 बजे अंकित ने किसी कार चालक से लिफ्ट ली और विकासनगर की ओर निकल पड़ा।
हालांकि, कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड के पास मलबा गिरा हुआ था, जिसके चलते उनका वाहन रास्ते में ही फंस गया। लगभग दो घंटे बाद भी मलबा साफ नहीं किया जा सका और करीब 9 बजे नवजात की मौत हो गई। अंकित का आरोप है कि यदि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें समय रहते नवजात की सेहत की सही जानकारी दी होती, तो उनके बच्चे की मौत नहीं होती।
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