Uttarakhand Forest Fire: वायु सेना का हेलीकॉप्टर पहुंचा पौड़ी, जलते जंगलों को करेगा शांत। पौड़ी जिले में बेकाबू होती जंगल की आग को बुझाने के लिए अब वायुसेना का हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है. वायुसेना का हेलीकॉप्टर आज श्रीनगर पहुंच गया है. हालांकि इस बीच जंगल की आग के कारण आसमान में छाए धुवें के कारण वायुसेना का हेलीकॉप्टर पानी की बौछार के लिए उड़ान नहीं भर पाया, अब अगले दिन धधकते जंगल की आग वायुसेना का हेलीकॉप्टर बुझाएगा.
डीएम पौड़ी ने बताया की बीते कुछ दिनों से पौड़ी में वनाग्नि की घटनाएं तेजी से बढ़ी जिस कारण वायुसेना से पानी की बौछार जंगल के करने के लिए मदद मांगी गई जिस पर अब हेलीकॉप्टर के जरिए जंगल की आग पर काबू पाया जाएगा।
जंगलों की आग से पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. आग में बेसकीमती वन संपदा जलकर स्वाहा हो गई है. जंगलों में हरी वनस्पतियों के जलने से निकला धुंआ घाटियों में फैल गया है. लोगों को आंखों में जलन महसूस हो रही है. वही आग की वजह से जंगली जानवर भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इससे जल संकट भी बढ़ने लगा है.
वन अग्नि का दीर्घकालिक असर पहाड़ के पर्यावरण और वातावरण में पड़ रहा है इकोलॉजिकल सिस्टम भी गड़बड़ाता हुआ दिखाई दे रहा है यदि कार्बन उत्सर्जन की बात की जाए तो अलकनंदा घाटी में सामान्य दिनों की तुलना में 17 गुना कार्बन बढ़ गया है। इसका खुलासा एचएनबी गढ़वाल विवि के शोध में हुआ है.
बता दें कि गढ़वाल विवि के चौरास परिसर में अत्याधुनिक मशीनों के जरिए पर्यावरण में हो रहे परिवर्तनों में नजर रखी जाती है. जिसके लिए विज्ञानिकों की ओर से एथेलोमीटर (Aethalometer AE33 Black Carbon Monitor) विश्लेषक लगाया गया है. जिसमें इन दिनों वनाग्नि के बाद हो रहे कार्बन उत्सर्जन की मॉनिटरिंग की जा रही है. साथ ही यहां पर एथेलोमीटर से अहम डेटा भी जुटाए जा रहे हैं.
शोध छात्र अमनदीप बताते हैं कि इस धुंध के कारण आंखों में जलन, सांस लेने में होने वाली तकलीफ से भी लोगों को दो चार होना पड़ रहा है, लेकिन इसके और भी दूरगामी घातक परिणाम देखने को भविष्य में देखने को मिल सकते हैं. अगर वनाग्नि की घटनाओं को रोका नहीं गया तो इससे पहाड़ों की पूरी जैव विविधता को बदलने में देर नहीं लगेगी।
दरसल उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और इस समस्या का समाधान के लिए प्रदेश की सरकार ने कड़ी कदम उठाने का फैसला भी किया है। इस मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए, आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रेसवार्ता की और बड़े संख्या में जंगल में आग लगाने वालों के खिलाफ कठोर कदमों की घोषणा की।
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